जीवन खुद एक कहानी है जिसे लोग अपने-अपने नजर से देखते हैं।
झूठ-फरेब पर बने रिश्ते की ईमारत ठहरती ही कितनी देर है जो आगे कुछ बात करूँ?"- झूठ-फरेब पर बने रिश्ते की ईमारत ठहरती ही कितनी देर है जो आगे कुछ बात करूँ?"-
भावनाओं से लबरेज प्रेमी अपनी प्रेमिका को एक नायाब तोहफ़ा देना चाहता है। भावनाओं से लबरेज प्रेमी अपनी प्रेमिका को एक नायाब तोहफ़ा देना चाहता है।
जब उसका हाथ मेरे मुँह की तरफ बढने लगा तो संभला और उसके हाथ से खाना का टुकड़ा लेकर स्वयं खाने लगा। उसक... जब उसका हाथ मेरे मुँह की तरफ बढने लगा तो संभला और उसके हाथ से खाना का टुकड़ा लेकर...
वर्षों से जिस मानसिक संघर्ष से जूझ रहा था वह समाप्त हो गया है. कौन जीता? कौन हारा? पता नहीं. लेकिन श... वर्षों से जिस मानसिक संघर्ष से जूझ रहा था वह समाप्त हो गया है. कौन जीता? कौन हार...