Written & Narrated by Sarvesh Saxena
Tragedy
उम्मीद
तिनका
वजूद
New Year
नासमझी
फितरत
जिंदगी
गुमसुम
एक पल में
बर्बादी
खफ़ा
तेरे शहर में
आज़ाद परिंदा
तुम भी कल चले...
सिंदूर की डिब...